ऑक्सिजन के बिना जीवन
क्या आप ऑक्सिजन के बिना जीवन की कल्पना कर सकते हैं, नहीं न ?
और ये बात सच भी है, यहाँ जीवन - यापन के लिए ऑक्सिजन सबसे पहली आवश्यक तत्व है| परन्तु आज हम बात करने जा रहे हैं उस समय की जब पृथ्वी पे ऑक्सिजन नहीं के बराबर थी| जी हाँ आज से करीब २० करोड़ वर्ष पहले जब हमारी पृथ्वी के चारों तरफ सिर्फ जहरीले गैसों का धुआं था, तो क्या उस समय पृथ्वी पे जीवन - यापन संभव था ? क्या हमारी इस पृथ्वी पे जिव - जंतु थे ?
ये जिस समय की बात कर रहा हूँ मैं वह इस पृथ्वी के इतिहास में आर्कियन युग के नाम से जाना जाता है, उस समय पृथ्वी के चारों तरफ मीथेन, अमोनिया और घातक गैसों का जहरीला धुआं था| और हम पृथ्वी की सतह पे आज जैसे जीवन की कल्पना नही कर सकते थे, लेकिन हाल ही में अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी की अगुआई में एक इंटरनैशनल टीम ने बताया है कि 20 करोड़ वर्ष पहले जब पृथ्वी पर ऑक्सिजन नहीं थी तब भी समुद्र में जीवन थी, जब धरती की हवा सांस लेने के योग्य नहीं थी उससे करोड़ों वर्ष पहले भी कई तरह के पौधे जैसे बैक्टीरिया इत्यादि थी|
और इस बात का प्रमाण साउथ अफ्रीका में समुन्द्र के तलहटी में पाए गए पत्थर के नमूनों से मिले हैं, ये पत्थर लगभग २ - ३ अरब साल पुराने हैं| इन पत्थरों पे नाइट्रोजन साइकल के केमिकल पाए गए हैं, और नाइट्रोजन जीवन के लिए बहुत ही अहम माना जाता है| असल में नाइट्रोजन साइकल के माध्यम से जैविक क्रियाओं के तहत नाइट्रोजन में होने वाले बदलाव को देखा जा सकता है, और इससे हम ये भी पता कर सकते हैं की कैसे कोई जीवित प्राणी नाइट्रोजन का इस्तेमाल अपनी जैविक क्रियाओं में कर जटिल कार्बनिक अणु बनाते हैं। इसे (नाइट्रोजन साइकल) हम दुसरे शब्दों में फिंगर प्रिंट्स ऑफ लाइफ या जीवन के निशान कह सकते हैं|
और एक सच ये भी है की बिना फ्री ऑक्सिजन के नाइट्रोजन साइकल की कल्पना नहीं की जा सकती, तो फिर इस बात से ये भी जाहिर होता है की पानी में कुछ ऐसे जिव या पौधे भी मौजूद रहे होंगे जो प्रकाशसंश्लेषण या फोटोसिंथेसिस की क्रिया कर बाद में बाई प्रॉडक्ट के रूप में ऑक्सिजन उत्पादित करते हों|
वैसे इन विचारों का अभी पूरा - पूरा तर्कसंगत परिमाण नहीं दिया गया है, परन्तु ये बात तो गौरतलब है ही की करीब २० करोड़ साल पहले पृथ्वी पे जीवन - यापन करने योग्य ऑक्सिजन की मात्रा नहीं थी, और ऐसे में २ - ३ अरब साल पुराने नाइट्रोजन साइकल के केमिकल का मिलना|
उम्मीद है जल्द ही इन बातों की सही - सही जानकारियां हम सब तक पहुँच जाएँगी|
बढ़िया जानकारीपूर्ण आलेख. अच्छा लगा पढ्कर. इस तरह के विश्लेषण और आलेखों की आवश्यक्ता है.