अंतरिक्ष में पहली महिला
जी हाँ इस बार और पहली बार चीन ने अंतरिक्ष में जाने के लिए महिलाओं का चयन किया है, यह दूसरा अवसर है जब चीन ने अंतरिक्ष जाने का फैसला किया है और वहां की महिलाओं के लिए पहला जब उनका भी चयन अंतरिक्ष जाने के लिए हुआ है| आरंक्षिक चरण में इन्होने ३० पुरुष और १५ महिला कुल ४५ लोगों का चयन किया है ये सभी लोग वायुसेना के पायलेट हैं|
कुछ ही दिनों बाद इन चयनित उम्मीदवारों को दुसरे चरण में आगे के परीक्षण के लिए भेजा जाएगा, और बताया गया है इस चरण में फिजियोलॉजीकल एवं साइकोलॉजिकल परीक्षण किया जाएगा, और इसके बाद अंतिम चयन में ५ पुरुष और २ महिला चुनी जाएँगी जिन्हें अंतरिक्ष भेजा जायेगा|
और अब कुछ ही दिनों में वो रिपोर्ट भी आ जायेगी की किन २ महिलाओं को अंतरिक्ष जाने के लिए चुना गया है| अब जब महिलाओं को पहली बार चीन भेज रहा है तो इन महिलाओं पे अब और भी ज्यादा उतरदायित्व आजायेगा क्यूंकि ऐसा चीन पहली बार कर रहा है तो इन महिलाओं को भी तो चाहिए ही होगा की वो इस अवसर का सही - सही उपयोग कर सकें और बाकि महिलाओं के लिए भी इसके दरवाजे खोल दें और ये बताएं की आज की महिलाओं को बस एक और एक अवसर चाहिए और कुछ नही|
अन्तरिक्ष में पहली महिला वैसे रूस की वैलेंतीना तेरेश्कोवा थी.
एक और छोटा सा कदम.. बड़ी समानता की ओर
मगर अन्तरिक्ष में पहली महिला थी कौन ?
आभार जानकारी का!!
अरविन्द जी,
आपके किये गये प्रश्न का उत्तर पहले ही श्रीमान निशांत मिश्र के द्वारा दे दिया गया है, इसलिए इसे दुबारा लिखने की आवश्यकता नहीं रह गयी .........
वैसे निशांत मिश्र जी इस पोस्ट में मैंने चीन से अन्तरिक्ष जाने वाली महिलाओं के वारे में लिखा है और ये उनके लिए पहला अवशर ही है .......
आकाश जी,
ब्लॉग जगत में पडोसनो के किस्सों की तरह विवादो की झडी लगी रहती है...लोगो ने हिंदी ब्लॉग को समर्थन इसलिए दिया है की वे अखबारों में रोज के क्राइम और पीत पत्रकारिता से ऊब चुके थे.आप जैसे कुछ ब्लॉगर ही इन रचनात्मक जानकारियों..को सामने रखते है...
इसकेलिए आपका आभार.
बहुत अच्छी जानकारी है। शायद महिलायें पहले भी सक्षम थीं मगर उन्हें अबला बना कर प्रचारित और शोशित किया जाता रहा है । अब समय आ गया है महिलाओं को अपने आप को साबित करने का मगर ये साबित करें सही दिशा की ओर सकारात्मक कामों मे तभी नारी जाती के सम्मान को बनाये रख सकेंगी । ऐसी जांबाज़ महिलाओं को सलाम। आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत अच्छी जानकारी है। शायद महिलायें पहले भी सक्षम थीं मगर उन्हें अबला बना कर प्रचारित और शोशित किया जाता रहा है । अब समय आ गया है महिलाओं को अपने आप को साबित करने का मगर ये साबित करें सही दिशा की ओर सकारात्मक कामों मे तभी नारी जाती के सम्मान को बनाये रख सकेंगी । ऐसी जांबाज़ महिलाओं को सलाम। आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद
कई जानकारियाँ मिली आपके ब्लॉग पे ....शुक्रिया .....!!