विज्ञान की महिमा .....


विज्ञान की महिमा का
जितना भी करो गुणगान
वो उतना ही है कम .......
विज्ञान के हैं भाई खेल निराले
इक से बढ़ कर इक
यह है, करामात दिखाए
आज इस जहाँ में
नहीं कुछ भी येसा है
जो अपने विज्ञान से अछूता है
विज्ञान की महिमा का
जितना भी करो गुणगान
वो उतना ही है कम .......
विज्ञान ही तो वो विषय है
जो प्रकृति के सभी
रहस्यों को अनावरण करता
और आशा को इक परिभाषा देता है
बड़े बड़े विद्वान भी
जहाँ कतराते और कुछ
भी, न कह पाते
उन सारे विषयों को है
कितनी आसानी से परिभाषित करता
है, अपना ये विज्ञान
विज्ञान की महिमा का
जितना भी करो गुणगान
वो उतना ही है कम .......

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1 Response to "विज्ञान की महिमा ....."

  1. संगीता पुरी , on September 9, 2009 at 7:44 AM said:

    बहुत सुंदर लिखा .. विज्ञान की जय हो !!