विज्ञान का जन्म :- भाग 1

विज्ञान, ये शब्द हरेक जगह प्रयोग होता है चाहे हम इतिहास की बात करें, प्रकृति की करें चाहे वो भूगोल, मैथ कुछ भी हो| आज विज्ञान सर्वर्त्र है, परन्तु ये विज्ञान आखिर वास्तव में किस चिडिया का नाम है इसकी शुरुआत कहाँ से हुयी, क्यूँ हुयी और कैसे हुयी ? इस सवाल का जवाव दे कौन सकता है?
वैसे अगर यही सवाल आप किसी मंच पे, किसी सभा में या फिर किसी समूह में पूछेंगे तो आपको इस एक सवाल के कई जवाव मिलेंगे, तो क्या आप अपने इस सवाल के जवाव तक पहुंचे ?
कहते हैं न होता तो सब के पास है पर अहमियत उसकी जो समय पे काम आ जाये, वैसे तो यहाँ सभी प्रश्नों के उत्तर विद्यमान हैं परन्तु उसके सत्य होने का प्रमाण जरुरी है और यहाँ अगर अपने दिमाग का उपयोग करें तो पाएंगे की इसका अभी कोई जवाव नही दिया जा सका है क्यूंकि जिस सवाल के जितने ज्यादे तरह के जवाव होते हैं उनकी प्रमाणिकता उतनी ही कम हो जाती है|
कहा जाता है विज्ञान का जन्म मानव विकास के साथ शुरू हुआ जैसे - जैसे मानव ने अपना विकास किया वैसे - वैसे ही इस विज्ञान का भी विकास होता चला गया|

जब हम मानव विकास की बात करें तो पाएंगे की मानव का विकास उसके मन और मस्तिष्क के विकास के साथ ही संभव है, जैसे - जैसे मानव ने अपने मन और मस्तिष्क पे काबू करना सिख लिया वैसे - वैसे ही मानव का विकास हुआ और विज्ञान का भी|
मानव विकास, और विशेष रूप से मानव मन और मस्तिष्क के विकास के बारे में हमारे वैज्ञानिकों को अभी तक ठीक - ठीक पता नही चल सका है की किस तरह से हमारे आदि मानव ने खुद पे काबू पाना सिखा, किस तरह से उन्होंने अपने मन और मस्तिष्क की सोचने - समझने की दिशा को बदला|
विज्ञान वास्तव में किसी भी विषय या वस्तु का विशेष ज्ञान है जो प्राप्त करने के बाद उसके गुण और दोष का सही - सही प्रयोग कर हम अपने जीवन शैली को आसन और वेहतर बनाने की कोशिश करते हैं|
तो, जब हम विज्ञान की नजर से भी देखें तो पाएंगे की जब मानव को अपनी सक्तियों का ज्ञान हुआ, जब उसने अपनी छमता को पहचाना तो जो कुछ भी उसके मन - मस्तिष्क में घटनाएँ घट रही थी वो भी विज्ञान की ही देन थी परन्तु शुरूआती मानव के साथ क्या हुआ उन्होंने किस तरह अपने विशेष ज्ञान (विज्ञानं) का उपयोग कर अपना विकास किया ये हमारे विज्ञान को अभी तक ठीक से समझ न आने के कारण उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर प्रमाणिकता के साथ संभव नही हो पाए हैं|
लेकिन यह स्पष्ट है कि मानव ने चेतना, और संवेदना के कारण इस ब्रह्मांड का अर्थ जानना चाहा और इसी चाह में उसने एक विज्ञान जैसे कभी न ख़त्म होने वाले विषय को जन्म दे डाला|
विज्ञान के बारे में जानने को अभी बहुत कुछ है इस " विज्ञान का जन्म " कड़ी में लेकिन इसके आगे का वृतांत इस कड़ी के अगले भाग में प्रस्तुत की जायेगी..........................


लगता है अच्छी श्रंखला पढ़ने को मिलेगी।
कई विकल्पों में से हर दृष्टि से सर्वोत्तम का चुनाव ही विज्ञान है .. और मुनष्य ने अपनी बुद्धि के फलस्वरूप इसे प्राप्त करने में हमेशा सफलता पायी है !!