प्यार इक अजीब एहसास
" प्यार के कई रूप होते हैं हम यहाँ सिर्फ प्रेमी -प्रेमिका के प्यार का तुल्नात्म्म्क विवरण दे रहें हैं , आप अपने विचार रखने की कोशिस करें " " प्यार " , क्या है ये प्यार ? जब भी प्यार का नाम लो तो येसा लगता है की चारों तरफ फुल खिल गए हों , हवाओं में खुसबू घुल गयी हों , चारों तरफ रंग बिरंगे पंछी चह चहा रहें हों और दिल में कुछ - कुछ होने लगा हो / और कुछ लोगों को येसा नही , येसा लगता है जैसे की उनके चारों तरफ वायलन बज रहे हों , वो गिटार पर कोई नयी धुन बना रहे हों , उनके चारों तरफ बहुत से लोग उनके प्यार धुन गुण गुना रहे हों , वो अपनी प्रेमिका के पास बैठे हों और फिर उनके दिल में भी कुछ कुछ होने लगा हो / तो , अब तक हमें ये तो पता चल गया की प्यार कैसा होता है और इस प्यार में लोगों को क्या - क्या लगने लगता है / पर बात यहाँ खत्म हो जाती तो और बात थी , लेकिन सच ये है की येसा नही है , दिल में कुछ - कुछ होने के बाद लोगों को अपने प्यार के पास जाने का मन करने लगता है , उनको छूने का मन करता है , उनके करीब , और करीब जाने का मन करने लगता है / तो अब प्रश्न ये है की , क्या यही प्यार है और अगर यही है तो हम सब मान लें की प्यार एसा ही होता है ? इस प्रश्न का उत्तर यदि ' नही में ' दिया जाये तो एक प्रश्न यह भी है की प्यार अगर ये नही है तो फिर एसा एहसास क्यूँ होता है ? और यदि इस प्रश्न का उत्तर ' हाँ में ' दिया जाये तो क्या प्यार का एहसास होने पे जो-जो हमारे मन को करता है वो सब हमे मिल जाने के बाद क्या होता है ? क्या इसके बाद भी प्यार रहता है या वो सब कुछ जो लोग जागते आँखों से सपने में देखते हैं उनके पूरा हो जाने पे ये प्यार ख़त्म हो जाता है / तो भाई ये प्यार तो अजीब है मेरे पास अभी तक सिर्फ एक प्रश्न था की ये प्यार कैसा होता है पर इसके बारे में जितना जानने की कोसिस करता हूँ उतने ही ज्यादा प्रश्नों में उलझता चला जा रहा हूँ कहीं ये प्यार खुद भी एक प्रश्न तो नही न है / क्यूंकि यदि सब कुछ के बाद भी प्यार रहता है तो वो सब कुछ प्यार के एहसास में क्यूँ जुड़ जाती हैं खिन एसा तो नही प्यार जिन्दगी भर की जरूरत होती है और येसा है तो लोग तो इस जरूरत की पूर्ति के लिए भुत बार अपने आदर्शों से समझोता भी करते होंगे तो मतलब की एक जरूरत की पूर्ति के लिए दूसरी जरूरत का अंत करना भी प्यार ही होता है / और यदि सब कुछ के बाद प्यार नही रहता है तो इसका मतलब ये हुआ की प्यार बस कुछ समय की जरूरत है , जरूरत पूरी तो प्यार भी खत्म / लेकिन आज मैं प्यार को कुछ ज्यादा ही कहे जा रहा हूँ , खैर जो कुछ हो भी हो ये प्यार इसमें प्यार की क्या गलती है , कहा जाता है की प्यार तो बस एक सुंदर सा एहसास है अब जब उन एहसासों के बिच हम अपने एसे एहसासों को भी जोड़ देते हैं तो गलती तो हमारी है न / मैं तो बस इतना जानना चाहता था कैसा होता है वो एहसास जिसे लोग प्यार का नाम देते हैं , बस और कुछ नही /
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
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होली पर्व की बधाई .........
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sachmuch. narayan narayan
अच्छा लेख लिखा है आपने..स्वागत है आपका