tag:blogger.com,1999:blog-2891013308220461016.post8761453923868139721..comments2022-11-25T16:52:55.719+05:30Comments on सितारे आसमान के: सचAAKASH RAJhttp://www.blogger.com/profile/16694611264692471439noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2891013308220461016.post-31242684370005990222009-12-27T13:48:53.432+05:302009-12-27T13:48:53.432+05:30अज्ञात जी,
बहुत सही कहा आपने और मैंने भी यही लिखा ...अज्ञात जी,<br />बहुत सही कहा आपने और मैंने भी यही लिखा है " मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए अपनी गलतियों का जिम्मेदार दूसरों को बनाता है और खुद को सही ठहरता है "|<br />परन्तु आपने जो लिखा है " कई बार परिवेश मनुष्य से बड़ा हो जाता है जो उससे गलतियाँ करवाता है " इसे मैं सही नहीं मानता, मेरे साथ भी ऐसा बहुतों बार हो चूका है और मैंने भी बहुत सी गलतियाँ की है अभी भी करता ही रहता हूँ परन्तु सच्चाई ये है की जब से मैंने अपनी गलती मानना शुरू किया है तब से गलतियाँ होनी कुछ कम हो गयी है|AAKASH RAJhttps://www.blogger.com/profile/16694611264692471439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2891013308220461016.post-60863777367508829452009-12-27T12:11:55.960+05:302009-12-27T12:11:55.960+05:30बहुत बढिया लिखा है .. शुभकमामनाएं !!बहुत बढिया लिखा है .. शुभकमामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2891013308220461016.post-67029499287346071652009-12-27T12:07:25.208+05:302009-12-27T12:07:25.208+05:30मित्र लगता है आप किसी गहन उपापोह में हैं ..कई बार ...मित्र लगता है आप किसी गहन उपापोह में हैं ..कई बार परिवेश मनुष्य से बड़ा हो जाता है जो उससे गलतियाँ करवाता है ..कई बार हमारा अहम् भी इसके लिए जिम्मेवार होता है..हम खुद को अधिक कर के आंकते हैं..इच्छा पूरी न होने पर परिवेश को जिम्मेदार ठहराते हैं और खुद को सही ..उस वक्त कोई हमरे दोष बताता है हम उसी पर खीज उठते हैं .. बिना कारण जाने प्रतिक्रिया वादी हो उठते है ...जाहिर बात है जिंदगी ऐसे भी चलती ही है, पर अगर खुद और अपने परिवार से अलग आप उस समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं जिसने आपको यह भाषा और चेतना दी है..निराशा जनक चीजों से ऊपर उठाना पहली शर्त होती है..और यह तब ही संभव है जब हम भाव रहित होकर अपना मुल्यांकन कर सकें.अज्ञातhttps://www.blogger.com/profile/07171663684322690826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2891013308220461016.post-34950654325056100202009-12-27T11:42:51.902+05:302009-12-27T11:42:51.902+05:30निर्मला जी,
ये सत्य तो है परन्तु सिर्फ उनका जो अपन...निर्मला जी,<br />ये सत्य तो है परन्तु सिर्फ उनका जो अपनी गलतियों को छुपा कर खुद को निर्दोष बताने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं ..........................AAKASH RAJhttps://www.blogger.com/profile/16694611264692471439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2891013308220461016.post-67489939319903974142009-12-27T11:40:34.976+05:302009-12-27T11:40:34.976+05:30बहुत-बहुत आभार आपका , बेहद उम्दा जानकारीं प्रदान क...बहुत-बहुत आभार आपका , बेहद उम्दा जानकारीं प्रदान की आपने ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2891013308220461016.post-61148832581258919132009-12-27T11:25:50.634+05:302009-12-27T11:25:50.634+05:30क्या ये सच है भाई अगली बार हम नहीं रहेंगे? अरे तो...क्या ये सच है भाई अगली बार हम नहीं रहेंगे? अरे तो कमेन्ट कहाँ से आयेंगे । मगर हम दुया करते हैं कि आप 100 साल से अधिक जीओ। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com